सेन वंश का सम्पूर्ण इतिहास | सेन वंश की स्थापना – भारत के समान्य ज्ञान की इस पोस्ट में हम सेन वंश का सम्पूर्ण इतिहास | सेन वंश की स्थापना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और नोट्स प्राप्त करेंगे ये पोस्ट आगामी Exam REET, RAS, NET, RPSC, SSC, india gk के दृस्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है
सेन वंश
1.सेन मूलतः दक्कन के कर्नाटक क्षेत्र के थे। देवपाड़ा प्रशस्ति में सेन अपने आपको ब्रह्म क्षत्रिय मानते थे।
इस वंश की स्थापना सामन्त सेन ने की विजय सेन (1095 से 1158 ई.) इस वंश का प्रथम महत्त्वपूर्ण शासक था। उमापतिधर द्वारा रचित देवपाड़ा प्रशस्ति में विजय सेन की विजयों का उल्लेख मिलता है।
बल्लाल सेन (1158 से 1178 ई.) न जाति को संगठित किया तथा कुलीनवाद नामक सामाजिक आन्दोलन चलाया।
बल्लाल सेन ने स्मृतियों पर दानसागर की रचना की व अद्भुत सागर नामक ग्रन्थ की रचना प्रारम्भ की जो उसके पुत्र लक्ष्मण सेन (1178 से 1205 ई.) ने पूरा किया। अद्भुत सागर खगोल विज्ञान की पुस्तक है।
इस ने आचार सागर व प्रतिष्ठा सागर नामक धार्मिक सामाजिक ग्रन्थों की रचना की।
बल्लाल सेन ने गोडेश्वर, निःशंक शंकर आदि उपाधियां धारण की।
लक्ष्मण सेन ने प्राचीन राजधानी गौड़ के समीप अन्य राजधानी लखनौती (लक्ष्मणवती) की स्थापना की। 1202 ई. में बख्तियार खिलजी ने लखनौती पर अधिकार कर लिया।
गीत गोविन्द व चन्द्रलोक के लेखक जयदेव व पवनदूत के लेखक धोयी लक्ष्मण सेन के दरबार में थे।
लक्ष्मण सेन ने गहड़वाल नरेश जयचन्द्र को पराजित किया।
लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि श्रीधरदास ने सदुक्तिकर्णामृत की रचना की।
इसमें लक्ष्मण सेन द्वारा रचित कुछ कविताएं भी मिलती है।
लक्ष्मण सेन ने परम भागवत की उपाधि धारण की। लक्ष्मण सेन के लेख विष्णु की स्तुति से प्रारम्भ होते हैं।
लक्ष्मण सेन अपने वंश के विपरीत वैष्णव धर्म का अनुयायी था।
- ब्राह्मण सर्वस्व का लेखक हलायुध लक्ष्मण सेन का प्रधान न्यायाधीश व मुख्यमंत्री था।
- लक्ष्मण सेन ने लक्ष्मण संवत चलाया। उसकी राजसभा में 5 रत्न थे।जयदेव, धोयी, श्रीधरदास, हलायुध एवं उमापतिधर
- सेन शासक शैव धर्म के अनुयायी थे। विजय सेन ने देवपाड़ा में प्रद्युमनेश्वर शिव का शानदार मन्दिर बनवाया।
READ ALSO
- भारत में आये प्रमुख विदेशी यात्री
- प्राचीन भारत में प्रमुख संवत्
- भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ
- भारत की भौगोलिक संरचना एवं इतिहास पर प्रभाव
- इस्लाम धर्म का इतिहास
- संगम काल का इतिहास
- मगध साम्राज्य का उत्कर्ष
- सोलह महाजनपद
- भारतीय संस्कृति का विदेशों में प्रसार (वृहत्तर भारत)
- वर्धन वंश
- गुप्तोत्तर काल
- Bharat par Arab Aakraman
- तुर्क आक्रमण
- Sikh Dharm ke Guru
- भक्ति आंदोलन
- सूफी आन्दोलन
- मध्यकाल के प्रान्तीय राजवंश
- बहमनी साम्राज्य
- Sindhu Ghati Sabhyata
- Bhartiya Rashtriya Andolan
- Morya Samrajya in Hindi
- गुप्त साम्राज्य (Gupta Dynasty in Hindi)
- गुप्तकालीन प्रशासन
- गुप्त काल में अर्थव्यवस्था
- gupt kaal ka samajik jivan
- गुप्त काल में कला, साहित्य और विज्ञान
- राजपूतों की उत्पत्ति (Rajputo ki Utpatti)
- गुर्जर-प्रतिहार राजवंश
- गहड़वाल वंश
- चौहान वंश का इतिहास
- चन्देल वंश का इतिहास
- गुजरात (अन्हिलवाड़) के चालुक्य
- मालवा के परमार – Malwa ka Parmar Vansh
- पाल वंश